आइये जानते है वह तीन कृषि के कौन-से कानून है जो की प्रधानमंत्री द्वारा वापस लिया गया,
जिनका विरोध किया जा रहा था
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में तीन कृषि कानून बनाए थे। पहला कानून था- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020, दूसरा कानून था- कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और तीसरा कानून था- आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020.
तीन कृषि कानून
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020
(Farmer’s Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act-2020)
इस कानून के तहत देश के किसानों को उनकी उपज बेचने के लिए अधिक विकल्प मुहैया कराना मुख्य उद्देश्य था। ये कानून देश के किसानों को अच्छी कीमत पर अपनी फसल बेचने की स्वतंत्रता देता था।
इसके अलावा यह, राज्य सरकारों को मंडी के बाहर होने वाली उपज की खरीद-फरोख्त पर टैक्स वसूलने से रोक लगाता था। इस कानून के तहत किसान अपनी फसलों को देश के किसी भी हिस्से में किसी भी व्यक्ति, दुकानदार, संस्था आदि को बेच सकते थे।
इतना ही नहीं, किसान अपनी उपज की कीमत भी खुद तय कर सकते थे।
कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020
(Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Agricultural Services Act 2020)
इस कानून के तहत देशभर के किसान बुआई से पहले ही तय मानकों और तय कीमत के हिसाब से अपनी फसल को बेच सकते थे। सीधे शब्दों में कहें तो यह कानून कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से जुड़ा है। इस कानून को लेकर सरकार का कहना था कि इसके जरिए किसानों को नुकसान का जोखिम कम रहेगा।
इसके अलावा उन्हें फसल तैयार होने के बाद खरीदारों को जगह-जगह जाकर ढूंढने की भी जरूरत नहीं होगी. इतना ही नहीं, इसके जरिए देश का किसान समानता के आधार पर न सिर्फ खरीदार ढूंढ पाने में सक्षम होगा बल्कि उसकी पहुंच बड़े कारोबारियों और निर्यातकों तक बढ़ जाएगी।
आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020
(Essential Commodities Amendment Act 2020)
फसलों के भंडारण और फिर उसकी काला बाजारी को रोकने के लिए सरकार ने पहले Essential Commodity Act 1955 बनाया
था। इसके तहत व्यापारी एक सीमित मात्रा में ही किसी भी कृषि उपज का भंडारण कर सकते थे. वे तय सीमा से बढ़कर किसी भी फसल को स्टॉक में नहीं रख सकते थे।
नए कृषि कानूनों में आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 के तहत अनाज, दाल, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू जैसी
कई फसलों को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट से बाहर कर दिया। सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा, अकाल या ऐसे ही किसी
विपरीत हालात के दौरान इन वस्तुओं के भंडारण पर कोई सीमा नहीं लगेगी।